Description: बदलते वक्त की साक्षी
सामयिकी पर प्रकाशन का मूल उद्देश्य है कि विषय सोचने पर मजबूर करे और आगे बहस का सबब बने। हम ऐसी सामग्री प्रकाशित करना चाहते हैं जो बेहद काम की हो, अन्यत्र सरलता से उपलब्ध नहीं होती हो, मसलन हिन्दी में तकनीक व विज्ञान पर लेख। खोजपरक लेखों का खास स्वागत है, जैसे यह लेख […]
कश्मीरी मुसलमानों के हित में यही है कि वे यथापूर्व स्थिति को प्राप्त करने का प्रयत्न करें क्योंकि टालमटोल वाली राजनीतिक नीति के रहते यह नामुमकिन है कि “आर या पार” जैसा कोई रवैया भारत सरकार अख्तियार करे।
बाबरी मस्जिद मामले की तफ़्तीश कर रही लिब्रहान आयोग की 17 साल बाद जारी रपट ने साजिश का पर्दाफाश तो किया पर देश को साम्प्रदायिक प्रलय की ओर ढकलने के लिए दोषी पाये गये 68 व्यक्तियों को सजा देने की बात पर चुप्पी साध ली।