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संकट के अप्रयाप्त उभोग का सिद्धांत और मार्क्सवादी सिद्धांत पर एक संक्षिप्त नोट 19 वीं सदी के आरम्भ में जब पूंजीवादी दुनिया में संकट की चक्रीय और नियमित घटना एक आम बात बनने लगी, संकट और उनके कारण की व्याख्या करने के लिए कई सिद्धांत सामने आये. इन व्याख्याओं में से एक जो काफी लोकप्रिय हुआ और आज तक है, वह तथाकथित "अप्रयाप्त उपभोग ” का   सिद्धांत है। दुसरे शब्दों में यह एक ऐसा सिद्धांत है जो संकट की व्याख्या “ अप्रयाप्त उपभोग ” के सन्दर्भ में करता है. थोड़े शब्दों में रखा जाए तो अप्रयाप्त उपभोग का सिद्धांत कहता ह

Posted by Workers of the World Unite at 11:31 PM 0 comments