Description: A collection of original Hindi poems on various topics and objects - poems on mother, father, fruits, vegetables and much more. Read amazing Hindi poetry.
भारत में दहेज़ की प्रणाली लड़कियों के परिवार के लिए एक कोप है। हर वर्ष हज़ारों महिलाएं दहेज़ सम्बंधित शोषण का शिकार होती हैं। यह कविता इस प्रथा के मर्म की अभिव्यक्ति है।
लानत है इस दहेज की हिंदू समाज पर, ज़रा गौर करो तुम इस रीति रिवाज पर ! मैं तुमको सुनाता हूं एक सच्ची कहानी, लखनऊ में थी एक बस्ती पुरानी !! लड़के और लड़की का पिता मज़दूर था, बच्चों को छोड़ चल बसा वह मजबूर था ! अब बहन रहती थी भाई के पास, हर दम उसका चेहरा रहता था उदास !! भाई ने सोचा बहन का रिश्ता में जोड़ दूं, बिना दहेज के एक नया मोड़ लूँ ! अब भाई ने कर दी बहन की सगाई और कहने लगा की तू हुई पराई !! घर की गरीबी तुझसे छिपाई नहीं जाती और यहाँ रोटी के साथ सब्जी बनाई नहीं जाती ! देने को तो मेरे पास कुछ भी नहीं, सोने की अ
कवि भारत में प्रचलित दहेज की प्रथा के कुकर्म के बारे में समाज को जागरुक करना चाहता है।